Sunday, September 4, 2011

एक शाम गणपति बप्पा मोरया के नाम ...



पुराने बस स्टेण्ड पर नेहरू युवा मण्डल के तत्वाधान में आयोजित एक शाम गणपति बप्पा के नाम कवि सम्मेलन में हास्य, वीर व ओज रस की कविता पेशकर कवियों ने श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। वीर रस के कवि योगेन्द्र शर्मा फिर से कभी गुलाम होने जाए देश, ४ जून को योग गुरू बाबा रामदेव के समर्थकों पर पुलिस की बर्बर कारवाई, ओज रस से ओतप्रोत सतामद में जुटे हुए गदारों पछताओगे, जनता से टकराओगे तो, भ्रष्ट सिंहासन डोलेगा जैसी कविता पेश कर भ्रष्टतंत्र, भ्रष्टाचार व कथित स्वार्थों के चलते देशहित के साथ कुठाराघात करने की परम्परा पर कटाक्ष किया। हास्य कवि कमल माहेश्वरी ने खुंखार पत्नि कविता सुनाकर श्रोताओं को हंसाकर लोटपोट कर दिया। व्यंग्य कवि डॉ. केसरदेव प्रजापत ने घर-घर में घुसगी राजनीति कविता सुनाकर राजनीति के चलते दुषित वातावरण संबधी जानकारी दी। हास्य कवि हरीश व नटवर बजाज सहित हास्य, ओज व वीर रस के कवियों ने अपनी रचना सुनाकर रात एक बजे तक श्रोताओं का मनोरंजन किया। इस दौरान सरपंच मनीराम बासट व थानाधिकारी भगवानसिंह सहित अनेक नागरिक उपस्थित हुए।

No comments:

Post a Comment