Sunday, May 6, 2012

सोशल मीडिया में छा गया सत्यमेव जयते


 'सत्यमेव जयते' से छोटे पर्दे पर अपनी पारी की शुरुआत करने वाले 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' आमिर खान को लेकर सोशल मीडिया में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। रविवार को दूरदर्शन व स्टार प्लस पर दिखाए गए इस कार्यक्रम से पहले आमिर खान ने इसका काफी प्रचार-प्रसार किया था।
ट्विटर पर इस कार्यक्रम की खूब चर्चा हो रही है। सत्यमेव जयते, आमिर खान, स्टार प्लस, कन्या भ्रूण हत्या व दूरदर्शन के बारे में सर्वाधिक ट्वीट किए जा रहे हैं। चोटी के दस ट्वीट्स में से सात इसी कार्यक्रम या आमिर खान के बारे में हैं। अधिकतर प्रतिक्रियाएं सकारात्मक हैं, लेकिन इस कार्यक्रम की व्यावसायिक प्रकृति पर कुछ तल्ख टिप्पणियां भी की जा रही हैं। हिंदी फिल्म जगत के आमिर खान के साथी बोमन ईरानी, फरहान अख्तर, कबीर बेदी व प्रिटी जिंटा ने ट्विटर पर सत्यमेव जयते को काफी सराहा है। मशहूर हस्तियां जहां सीधी प्रतिक्रिया दे रही हैं, वहीं आम लोग खुलकर समर्थन व आलोचना भी कर रहे हैं।

वसुंधरा राजे ने कहा, ये पार्टी का अंदरूनी मामला


 पार्टी से इस्तीफे की पेशकश के मामले में वसुंधरा राजे ने कहा है कि ये पार्टी का अंदरूनी मामला है और इसे पार्टी के अंदर ही निपटा लिया जाएगा। उनके इस्तीफे की घोषणा का बाद उपजी स्थितियों को लेकर जब मीडिया ने सवाल किए तो उन्होंने कहा कि यह अंदरूनी मामला है। कुछ क्षणों के लिए मीडिया के सामने आई वसुंधरा राजे ने कहा कि आप लोग क्यों परेशान हो रहे हैं। इस बीच 41 विधायकों ने राजे के समर्थन में अपने इस्तीफे उनको सौंप दिए हैं। 
गुलाबचंद कटारिया की मेवाड़ में जनजागरण यात्रा को लेकर उपजे विवाद के बाद शनिवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक के दौरान वसुंधरा राजे नाराज होकर बीच में उठकर बाहर आ गई थीं। उन्होंने बाहर मीडिया के समक्ष कहा, अगर वे पार्टी के सामने कार्यकर्ताओं की बात नहीं रख पा रही हैं तो उनको इस्तीफा दे देना चाहिए। 
उनकी इस घोषणा के बाद प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व में भूचाल की स्थिति आ गई। शनिवार रात को ही कुछ विधायकों और पार्टी नेताओं ने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी। रविवार सुबह से ही यह सिलसिला फिर से चल पड़ा। दोपहर तक 41 विधायकों ने प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे को उनके समर्थन में अपने इस्तीफे सौंप दिए। 
केंद्रीय नेताओं ने की बातचीत
पता चला है कि भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने वसुंधरा राजे से इस्तीफे को लेकर बातचीत की है। इनमें नितिन गडकरी, अरुण जेटली और मुख्तार अब्बास नकवी का नाम बताया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि संघ के किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता को भी इस डैमेज कंट्रोल के लिए कहा गया है। केंद्रीय नेताओं से बातचीत के बाद ही वसुंधरा राजे ने इसे पार्टी का अंदरूनी मामला करार देते हुए आपस में निपटा लेने की बात कही है।
इन विधायकों ने दिए इस्तीफे 
किरण माहेश्वरी, कल्याण सिंह चौहान, हरिसिंह रावत और भवानी सिंह राजावत शनिवार की रात को ही इस्तीफा दे चुके थे। रविवार को दोपहर तक इस्तीफा देने वालों में डॉ. दिगंबर सिंह, कालीचरण सर्राफ, बाबूलाल बैरवा, मोहनलाल गुप्ता, ओम बिड़ला, अशोक डोगरा, ग्यारसा राम कोली, बहादुर सिंह कोली, हेम सिंह भडाना, अशोक परनामी, रोहिताश्व कुमार शर्मा, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, निर्मल कुमावत, नंदलाल मीणा, शंकरसिंह रावत, सुंदरलाल, विजय बंसल, रामलाल गुर्जर, कृष्णेंद्र कौर दीपा, सगीरन खां, रवींद्र सिंह बोहरा, सुखराम, राधेश्याम गंगानगर, राजपाल सिंह शेखावत, जीवा राम चौधरी, अर्जुनलाल गर्ग, कमसा मेघवाल, सुखराम नेतडिय़ा, हरिसिंह रावत, बंशीधर खंडेला, रोहिणी कुमारी, राजकुमार रिणवा, अनिल जैन, सूर्यकांता व्यास, डॉ.जसवंत यादव और प्रभुलाल सैनी शामिल हैं। इनके अलावा निर्दलीय रणधीर पहलवान और जीवा राम चौधरी ने भी अपने इस्तीफे वसुंधरा राजे को दे दिए।