Sunday, April 10, 2011
ईश्वर सर्वव्यापी : गणेश रामानंदी
ग्राम ज्याणी स्थित जगदीश महाराज मंदिर में आयोजित श्रीरामकथा के दौरान रविवार को कथावाचन करते हुए पंडित गणेश रामानन्दी ने कहा कि ईश्वर सर्वव्यापी व कण-कण में व्याप्त है। सच्चे मन से भक्त की करूण पुकार सुनते ही भगवत भक्त के वशीभूत हो जाते है। कथावाचक ने कहा कि घट-घट के वासी भगवान श्रीराम को लोग अलग-अलग नाम से पुकारते है। पुजा पद्धति व नाम भिन्न हो सकते है लेकिन सर्वव्यापी ईश्वर की शिक्षा व संदेश एक ही है मानव मात्र का कल्याण। उन्होंने भारतीय सनातन संस्कृति को विश्व की अनूठी संस्कृति गताते हुए कहा कि मानव मात्र से लेकर जीव जन्तू, प्रकृति व पर्यावरण की पूजा की परम्परा भारतीय संस्कृति में ही निहित है। उन्होंने मनुष्य जीवन को दुर्लभ बताते हुए इसे परोपकार, प्रभू का भजन में लगाने का आग्रह किया। कथावाचक ने कहा कि कलयुग में अच्छे व बुरे कर्म की सजा इसी युग में मिल जाती है।
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