Wednesday, January 18, 2012
विकास के लिए तरसता जायल!
कब तक बनेगा कॉलेज व व्यवस्थित बस स्टेण्ड?
जायल नागौर जिले का एक अभिन्न अंग है और नागौर से जयपुर दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण मार्ग। फिर भी यहां पर सुविधाओं के नाम पर पिछले 20-30 वर्षों में कुछ भी विकास नहीं हुआ हैं। जायल तहसील में कोयला, जिप्सम, पत्थर अन्य खनिज प्रचुर मात्राएं में है फिर भी यहां पर कोई औधोगिक विकास नहीं हुआ। जायल का विकास हुआ है तो केवल प्राइवेट स्कूलो के रुप में जो हर वर्ष बढ़ रही है। यहां पर ना तो कोई बस स्टेण्ड की आधुनिक व्यवस्था है और न ही तहसील के छात्रों के लिए कॉलेज की व्यवस्था। यहां के छात्र बारहवीं से आगे की पढ़ाई के लिए कभी डीडवाना के चक्कर लगाते है तो कभी नागौर के, कई बार फिर भी आपको एडमिशन नहीं मिल पाता। जयपुर दिल्ली मार्ग पर होते हुए भी यहां की बस स्टेण्ड रोड की हालत खस्ता है और ना बस स्टेण्ड पर कोई सुविधा और जगह जगह पानी भरा रहता है। हास्पिटल के सामने सडक़ पर डिवाइडर लगा तो दिया है पर उसका कोई उपयोग नहीं क्योंकि एक तरफ से पूरी सडक़ टूटी हुई है फिर भी प्रशासन आंखे मूंदकर बैठा है। और जनप्रतिनिधियों को तो गुटबाजी से ही फुर्सत नहीं मिलती तो फिर यहां का विकास कैसे होगा। आज जायल से बहुत छोटे-छोटे गांव आगे जाने की होड़ में लगे हुए पर जायल को देखने पर बाहरी लोगों को यह महसूस ही नहीं होता कि तहसील क्वाटर है।
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