Sunday, August 28, 2011

संसद की भावना’ लोगों की इच्छा है: प्रधानमंत्री

लोकपाल मुद्दे पर गांधीवादी अन्ना हजारे की तीन प्रमुख मांगों पर संसद द्वारा 'सदन की इच्छा' स्वीकार किए जाने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि 'यह लोगों की इच्छा है।'
मनमोहन सिंह ने पत्रकारों से कहा, "संसद ने अपनी बात रखी है और इस पर दोनों सदनों में सहमति है। संसद की आवाज लोगों की इच्छा है।"
ज्ञात हो कि संसद के दोनों सदनों में शनिवार को लोकपाल मुद्दे पर अन्ना हजारे की मांगों के अनुरूप लाए गए प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पत्र लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख, सांसद संदीप दीक्षित और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार सीधे रामलीला मैदान पहुंचे और उन्होंने 12 दिनों से अनशन पर बैठे गांधीवादी अन्ना हजारे को पत्र सौंपा।
मुत्तेमवार ने 'संसद की भावना' का मराठी में अनुवाद किया। यही नहीं वह सरकार की ओर से अन्ना हजारे को भेजे जाने वाले पत्रों को मराठी में अनुवाद करने की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।

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