उत्तर प्रदेश में एक खाप पंचायत के तुगलकी फरमान पर महिला राजनेताओं, कार्यकर्ताओं ने कड़े गुस्से का इजहार किया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि इन पंचायतों का कोई कानूनी वजूद नहीं है। कार्यकर्ताओं ने सरकार से अपील की कि वह लोगों को ऐसी पंचायतों के फरमानों को खारिज करने के लिए प्रेरित करे।
खाप पंचायत के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "खाप पंचायतों के पास कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। इसलिए उन्हें ऐसे कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है। हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। इस तरह की घटनाएं विडम्बनापूर्ण हैं। सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए और लोगों को बताना चाहिए कि वे इन पंचायतों की बात न मानें।"
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में गुरुवार को खाप पंचायत ने कई तुगलकी फरमान जारी किए, जिनमें महिलाओं को घर से बाहर निकलते वक्त सिर पर पल्लू रखने के लिए भी कहा गया है।
पंचायत के फरमान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता निर्मला सीतारमन ने कहा, "इस तरह का फरमान कि महिलाएं सिर ढंककर बाहर निकलें और वे मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं, गलत हैं। सरकार को ऐसी चीजों को होने से रोकना चाहिए और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।"
वहीं, मार्क्सeवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कहा, "इन पंचायतों का अस्तित्व गैर-कानूनी है। ये स्वयंभू संस्थाएं हैं, जिन्हें कानून बनाने से कोई लेना-देना नहीं है। उनके द्वारा जारी सभी फरमान तथा फतवे गैर-कानूनी हैं।"
महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और सांसद गिरिजा व्यास ने कहा, "इन पंचायतों का कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है और इसलिए वे जो कह रहे हैं, उससे सहमत होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। सरकार को आगे आना चाहिए तथा लोगों को बताना चाहिए कि इस देश का संविधान है और ऐसी पंचायतों का इसमें कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है।"
खाप पंचायत के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "खाप पंचायतों के पास कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। इसलिए उन्हें ऐसे कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है। हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। इस तरह की घटनाएं विडम्बनापूर्ण हैं। सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए और लोगों को बताना चाहिए कि वे इन पंचायतों की बात न मानें।"
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में गुरुवार को खाप पंचायत ने कई तुगलकी फरमान जारी किए, जिनमें महिलाओं को घर से बाहर निकलते वक्त सिर पर पल्लू रखने के लिए भी कहा गया है।
पंचायत के फरमान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता निर्मला सीतारमन ने कहा, "इस तरह का फरमान कि महिलाएं सिर ढंककर बाहर निकलें और वे मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं, गलत हैं। सरकार को ऐसी चीजों को होने से रोकना चाहिए और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।"
वहीं, मार्क्सeवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कहा, "इन पंचायतों का अस्तित्व गैर-कानूनी है। ये स्वयंभू संस्थाएं हैं, जिन्हें कानून बनाने से कोई लेना-देना नहीं है। उनके द्वारा जारी सभी फरमान तथा फतवे गैर-कानूनी हैं।"
महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और सांसद गिरिजा व्यास ने कहा, "इन पंचायतों का कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है और इसलिए वे जो कह रहे हैं, उससे सहमत होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। सरकार को आगे आना चाहिए तथा लोगों को बताना चाहिए कि इस देश का संविधान है और ऐसी पंचायतों का इसमें कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है।"
if you know any information in india all government job recuritment notification in hindi to please visit our site www.jobmony.com and select the letest
ReplyDeletegovernment job and find you to job your ebiligibty.
sarkari naukri
jobmony
If you are looking for jobs in Indian Air Force or Indian Navy please click the links below for details:
ReplyDeleteIndian Navy Recruitment
Indian Air Force Recruitment
good content you are publish here.
ReplyDelete