Sunday, August 28, 2011

राज्य राजस्थान का एक प्रमुख शहर नागौर

नागौर भारत के राज्य राजस्थान का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। यह नागौर जिला मुख्यालय है। नागौर राजस्थान का एक छोटा सा शहर है। ऐतिहासिक रूप से भी यह जगह काफी महत्वपूर्ण है। नागौर बलबन की जागीर थी जिसे शेरशाह सूरी ने 1542 में छीन लिया था। इसके अलावा महान मुगल सम्राट अकबर ने यहां मस्जिद का निर्माण करवाया था। इस मस्जिद में मोइनुद्दीन चिश्ती के शिष्य की मजार है। नागौर विशेष रूप में प्रत्येक वर्ष लगने वाले पशु मेले के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। इस मेले में हर साल काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। इसके अतिरिक्त यहां कई महत्वपूर्ण मंदिर और स्मारक भी है।


प्रमुख आकर्षण

Khivsar किला

यह किला नागौर राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 65 से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह किला लगभग 500 वर्ष पुराना है। यह किला थार मरूस्थल के मध्य में स्थित है। इस किले का निर्माण ठाकुर करम सिंह जी ने सोलहवीं शताब्दी में करवाया था। खिमसर किला नागौर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। लेकिन कुछ समय बाद इस किले को हैरिटेज होटल में तब्‍दील कर दिया गया। इस होटल में सभी आधुनिक सुविधाएं पर्यटकों को प्रदान की जाती है। माना जाता है कि मुगल सम्राट औरंगजेब कभी-कभार इस जगह पर रहने के लिए आते थे।

कुचामन किला

यह किला राजस्थान के सबसे पुराने किलों में से है। यह किला पर्वत के सबसे ऊपरी हिस्से पर स्थित है। इस किले को अब होटल में तब् दील कर दिया गया है जिस कारण अधिक संख्या में पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं।

kurki

कुर्की नागौर जिले का एक छोटा सा गांव है। यह स्थान मीरा बाई के जन्म स्थान के रूप में भी जाना जाता है।

अचित्रागढ़ किला

इस किले का निर्माण चौथी शताब्दी में हुआ था। इस किले में तीन दरवाजे हैं। पहले दरवाजे को सिरहे , दूसरा को बीच का पोल और तीसर को कचेहरी पोल कहा जाता है। इस किले में कुछ प्रमुख महल जैसे- हादी रानी महल, दीपक महल, भक्त सिंह महल, अमर सिंह महल, अकबरी महल और रानी महल के अलावा दो मंदिर कृष्णा मंदिर एवं गणेश मंदिर तथा शाह जहानी का स्मारक भी है

हमीद्दीउदीन नागौरी मकबरा

यह काफी प्रसिद्व मकबरा है। इस जगह पर काजी हमीद्दीउदीन नागौरी का स्मारक है। यह एक सूफी संत थे। यह जगह पश्चिमी राजस्थान के सबसे बेहतरीन स्मारकों में से एक है। इस मकबर में जाने के लिए जो रास्ता है वह काफी खूबसूरत है। संत हमीद्दीउदीन नागौरी बगदाद से राजपूताना आए थे। इस परिसर के भीतर मस्जिद भी है। उर्स का त्यौहार भी यहीं मनाया जाता है। उर्स के अवसर पर इस दरगाह में देश भर से काफी संख्या में भक्तगण यहां आते हैं।

जैन मंदिर

इस मंदिर की बनावट काफी भव्य है। इस मंदिर में की गई चित्रकारी भगवान महावीर और पार्श्‍वनाथ के जीवन से जुड़ी हुई है।

नागौर पशु मेला

यह मेला जनवरी-फरवरी माह में लगता है। इस मेले का आयोजन काफी बड़े स्तर पर किया जाता है। यह काफी अच्छा अवसर होता है जब पूरे राज्य से लोग यहां अपने पशु बेचने व खरीदने के लिए एकत्रित होते हें। इसके अलावा मेले में रस्सा-कशी, ऊंटों की दौड़ और सांड की लड़ाई का आनन्द भी उठाया जा सकता है।

बड़ी khatu की जामा मस्जिद

प्रथम वर्ग के स्मारकों में दिल्ली से बाहर केवल २ स्मारक है । पहला अजमेर में अढाई दिन का झोंपड़ा, तथा दूसरा नागौर में बड़ी khatu की जामा मस्जिद है।

वीर तेजाजी ki जन्म स्थली खरनाल

खरनाल नागौर राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 65 से १६किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहा मेला भादवा माह में लगता है। इस मेले का आयोजन काफी बड़े स्तर पर किया जाता है।

आवागमन

हवाई अड्डा

सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जोधपुर विमानक्षेत्र है। यह जगह नागौर से 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दिल्ली, मुम्बई, उदयपुर और जयपुर से जोधपुर के लिए हवाई यात्रा की जा सकती है।

रेल मार्ग

सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नागौर में है। यह जगह दिल्ली, मुम्बई, जयपुर्, चैन्नई, गुव्हाती और कलकत्ता से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

नागौर के लिए सीधी बस-सेवा है। दिल्ली, अहमदाबाद, अजमेर, आगरा, जयपुर, जैसलमैर और उदयपुर से बस-सेवा की सुविधा उपलब्ध है।

संसद की भावना’ लोगों की इच्छा है: प्रधानमंत्री

लोकपाल मुद्दे पर गांधीवादी अन्ना हजारे की तीन प्रमुख मांगों पर संसद द्वारा 'सदन की इच्छा' स्वीकार किए जाने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि 'यह लोगों की इच्छा है।'
मनमोहन सिंह ने पत्रकारों से कहा, "संसद ने अपनी बात रखी है और इस पर दोनों सदनों में सहमति है। संसद की आवाज लोगों की इच्छा है।"
ज्ञात हो कि संसद के दोनों सदनों में शनिवार को लोकपाल मुद्दे पर अन्ना हजारे की मांगों के अनुरूप लाए गए प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पत्र लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख, सांसद संदीप दीक्षित और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार सीधे रामलीला मैदान पहुंचे और उन्होंने 12 दिनों से अनशन पर बैठे गांधीवादी अन्ना हजारे को पत्र सौंपा।
मुत्तेमवार ने 'संसद की भावना' का मराठी में अनुवाद किया। यही नहीं वह सरकार की ओर से अन्ना हजारे को भेजे जाने वाले पत्रों को मराठी में अनुवाद करने की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।

Monday, August 22, 2011

विधायक के साथ मित्रता दिवस मनाया


विधायक कॉलोनी में रविवार को मित्रता दिवस बालिकाओं ने विधायक श्रीमती मंजूदेवी मेघवाल के साथ पौधरोपण कर समारोहपूर्वक मनया गया। इस दौरान विधायक व कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीमती मेघवाल ने कहा कि विश्व में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए बालिकाओं ने मित्रता दिवस को पर्यावरण मित्र के रूप में मनायकर समाज में अनुकरणीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भौतिकतावादी इस युग में अधिकांश युवा पीढ़ी पाश्चात्य प्रभाव में आकर फ्रेंडस डे पर एक दूसरे को महंगे हॉटल में ले जाकर व गिफ्ट देकर मित्रता दिवस का भौंडा प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं ग्रामीण परिवार को सुंस्कारित इन बालिकाओं ने कॉलोनी में सघन पौधरोपण कर मित्रता दिवस मनाने का सकारात्मक व रचनात्मक निर्णय लिया है। इस दौरान बालिका मोहनीदेवी नालिया, सरोज लूणिया, विमला नालिया, जय लोहिया, भगत नालिया, मंजू नालिया, धर्मवीर नालिया, राहुल लूणियां ने पौधरोपण कर इनके संरक्षण का संकल्प लिया गया।

संतोषी माता मंदिर में पौधरोपण


राजस्थान पत्रिका मानव मित्र संस्थान की ओर से चलाए जा रहे हरयाळो राजस्थान कार्यक्रम के तहत मंगलवार को युवा कांग्रेस शहर इकाई की ओर से संतोषी माता मंदिर में पौधरोपण किया गया। युवा कांग्रेस शहर इकाई अध्यक्ष पवन बटेसर ने कहा कि विश्व में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण से निजात पाने के लिए व्यापक जनजागरण व पौधरोपण जरूरी है। उन्होंने कहा कि अधिकाधिक पौधरोपण करके ही हम प्रदेश को हरा भरा खुशहाल बना सकते है। पंडित मुकेश शर्मा ने एक पौधा लगाकर इनके संरक्षण को १०० पौधे पालने के समान पुण्यदायी कार्य बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में पेड़ो की पूजा कर पर्यावरण संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। किसान नेता रामदेव राव, अजय रिणवां, नटवर जाखोटिया, अशोक रिणवां ने पौधरोपण कर इनके संरक्षण का संकल्प लिया।

छात्रों से जुड़े मुद्दे पर काम करें : जगावता


छात्र संगठन चुनावों को लेकर एनएसयुआई कार्यकर्ताओं की बैठक में जिला प्रभारी सुमनसिंह जगावता की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए जिला प्रभारी जगावता ने कहा कि छात्र हितों की रक्षा के लिए एनएसयुआई सदैव तत्पर रहकर संघर्ष करता आया है। छात्रसंघ चुनावों की मांग सहित रिक्त पदो पर नियुक्ति, राजकीय महाविद्यालयों में सीटों में बढ़ोतरी सहित छात्र हितों से जुड़े प्रत्येक मुद्दे पर संगठन ने मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से एकजुट रहकर संगठन विचारधारा से जुड़े प्रत्याषी के पक्ष्रा में मतदान करने का आग्रह किया। जिलाध्यक्ष हनुमान बांगड़ा ने संगठन की विचारधारा, राहुल गांधी के निर्देशानुसार सक्रिय व समर्पित कार्यकर्ता को तवज्जो देने संबधी जानकारी देकर प्रत्याशी संबधी रायशुमारी ली गई। इससे पूर्व युवा कांग्रेस शहर अध्यक्ष पवन बटेसर, क्रिकेट कल्ब के संयोजक बृजेश बिडियासर, युवा कांग्रेस के रामनिवास गुगड़वाल, सुरेन्द्र गोदारा सहित कार्यकर्ताओं ने जिला प्रभारी का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।

Sunday, August 21, 2011

विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण

कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार हैं । हिन्दू श्रीकृष्ण को ईश्वर मानते हैं, और उन पर अपार श्रद्धा रखते हैं ।
सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। वैसे तो भगवान विष्णु ने अभी तक तेईस अवतारों को धारण किया। इन अवतारों में उनका सबसे महत्वपूर्ण अवतार श्रीकृष्ण का ही था।
यह अवतार उन्होंने वैवस्वत मन्वन्तर के अट्ठाईसवें द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से मथुरा के कारागर में लिया था। वास्तविकता तो यह थी इस समय चारों ओर पापकृत्य हो रहे थे। धर्म नाम की कोई भी चीज नहीं रह गई थी। अतः धर्म को स्थापित करने के लिए श्रीकृष्ण अवतरित हुए थे।
श्रीकृष्ण में इतने अमित गुण थे कि वे स्वयं उसे नहीं जानते थे, फिर अन्य की तो बात ही क्या है? ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव-प्रभृत्ति देवता जिनके चरणकमलों का ध्यान करते थे, ऐसे श्रीकृष्ण का गुणानुवाद अत्यंत पवित्र है। श्रीकृष्ण से ही प्रकृति उत्पन्न हुई। सम्पूर्ण प्राकृतिक पदार्थ, प्रकृति के कार्यकार्य किया उसे अपना महत्वपूर्ण कर्म समझा, अपने कार्य की सिद्धि के लिए उन्होंने साम-दाम-दंड-भेद सभी का उपयोग किया, क्योंकि उनके अवतीर्ण होने का मात्र एक उद्देश्य था कि इस पृथ्वी को पापियों से मुक्त किया जाए। अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने जो भी उचित समझा वही किया। उन्होंने कर्मव्यवस्था को सर्वोपरि माना, कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन को कर्मज्ञान देते हुए उन्होंने गीता की रचना की जो कलिकाल में धर्म में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।
संपूर्ण पृथ्वी दुष्टों एवं पतितों के भार से पीड़ित थी। उस भार को नष्ट करने के लिए भगवान विष्णु ने एक प्रमुख अवतार ग्रहण किया जो कृष्णावतार के नाम से संपूर्ण संसार में प्रसिद्ध हुआ। उस समय धर्म, यज्ञ, दया पर राक्षसों एवं दानवों द्वारा आघात पहुँचाया जा रहा था।
पृथ्वी पापियों के बोझ से पूर्णतः दब चुकी थी। समस्त देवताओं द्वारा बारम्बार भगवान विष्णु की प्रार्थना की जा रही थी। विष्णु ही ऐसे देवता थे, जो समय-समय पर विभिन्न अवतारों को ग्रहण कर पृथ्वी के भार को दूर करने में सक्षम थे क्योंकि प्रत्येक युग में भगवान विष्णु ने ही महत्वपूर्ण अवतार ग्रहण कर दुष्ट राक्षसों का संहार किया। वैवस्वत मन्वन्तर के अट्ठाईसवें द्वापर में भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण अवतरित हुए।


अन्ना को स्कूली छात्रों का समर्थन



जायल में भ्रष्टाचार के विरोध में मजबूत जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर अन्ना हजारे के समर्थन में नारे लगाते स्कूली बच्चे

बैठक 24 अगस्त को

राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत उपशाखा की बैठक २४ अगस्त को पंचायत समिति स्थित शिव मंदिर में आयोजित की जाएगी। उप शाखा अध्यक्ष जगराम तांडी ने बताया कि बैठक में संगठनात्मक विस्तार, रचनात्मक व संगठनात्मक गतिविधियों का आयोजन, वार्षिक लेखा जोखा सहित शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं संबधी चर्चा की जाएगी।

स्काउट व गाईड सदैव समाज की सेवा में तत्पर

शेखावाटी सीनियर सैकण्डरी स्कूल में बुधवार को राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाईड स्थानीय बालचर के वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया गया। अधिवेशन को संबोधित करते हुए प्रभारी सहायक जिला कमीशनर व प्रधानाचार्य सालिगराम स्वामी ने कहा कि रचनात्मक व सृजनात्मक गतिविधियों के माध्यम से स्काउट व गाईड सदैव समाज सेवा करता आया है। उन्होंने स्काउटर्स से स्थानीय संघ के वार्षिक कार्यक्रम के लिए अपने विचार व्यक्त कर समाज सेवा शिविर आयोजित करने का आग्रह किया। संघ सचिव सत्यनारायण कच्छावा ने गत वर्ष की उपलब्धियों व आय व्यय संबधी जानकारी दी। हरिराम मुण्डेल ने पर्यावरण सुरक्षा व हरित राजस्थान कार्यक्रम संबधी जानकारी दी। बालचर संघ के पोकरराम, कानाराम, कांतिलाल जोशी, संस्था निदेशक अभिषेक बटेसर व सचिव श्रवण बांगड़ा ने विचार व्यक्त किए।

Friday, August 19, 2011

About Nagaur District

Glorified by the bards, the history of Nagaur finds mention even in the Mahabharata. The kingdom of Ahichhatrapur which Arjun is said to have conquered and subsequently offered to his Guru Dronacharya, was perhaps some of the area of the Nagaur district. The birth place of Meera and Abul Fazal, Nagaur district has a charbhuja and Parsawanath Temple at Merta and the Dargah of Sufi Saint Tarkin at Nagaur city. Nagaur also witnessed the valour of Great Rao Amar Singh Rathor who challenged the mighty Mughal empire. The large old Fort has many glorious tales of bravery of the erstwhile rulers of the states.

Nagaur District is situated between 260.25" & 270.40" North Latitude & 730.10" & 750.15" East Longitude. It is situated amidst seven districts namely Bikaner, Churu, Sikar, Jaipur, Ajmer, Pali, Jodhpur. Nagaur is the fifth largest district in Rajasthan with a vast terrain spreading over 17,718 sq. K.M. Its geographical spread is a good combine of plain, hills, sand mounds & as such it is a part of the great Indian Thar Desert.

The present district of Nagaur finds a place in the heart of the Rajasthan state. If we draw a cross over the map of Rajasthan the centre of this cross is bound to fall in the district of Nagaur. Before the merger of the states, Nagaur was a part of the erstwhile Jodhpur State.

After indepenence, Nagaur had the honour of being selected as the place in the country from where the Democratic Decentralisation process was launched by the late Shri Jawaharlal Nehru, the first Prime Minister of India on the 2nd October 1959.

The town of Ladnu in the district has gained its place on the map of the country being the headquarters of the famous 'Jain Vishwa Bharti' which has become a centre of spiritual learnings & knowledge under the leadership of Acharya Tulsi, a great Jain saint, who has propagated the philosophy of "ANUVRAT" in order to enlighten people in this area of the country.

अन्ना हजारे के समर्थन में पैदल मार्च

भ्रष्टाचार के विरोध में जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर आन्दोलन अन्ना हजारे के समर्थन में क्षेत्र के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन रैली निकाली। सरपंच मनीराम बासट, भारतीय किसान संघ के जिला संगठन मंत्री लक्ष्मीनारायण बिश्Aोई, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला प्रमुख रूपाराम लील, रामकुमार रतावा, राजूसिंह रोहिणा, नेहरू युवा मण्डल के अध्यक्ष ललित खण्डेलवाल, आरक्षण हटाओ संघर्ष समिति के संयोजक बंकट रिणवां, व्यापार संघ अध्यक्ष कमल बजाज, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वेदप्रकाश लोमरोड़, श्रीराम चतुर्वेदी, संदीप चतुर्वेदीआदि ने रैली में भाग लिया।

इसके बाद उपखण्ड अधिकारी भागीरथसिंह मीणा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। भारत की कम्यूनिष्ट पार्टी के जिला प्रवक्ता बाबूलाल देवड़ा ने कहा सरकार ने लोकतंत्र की परिभाषा ही बदल दी है। भ्रष्टाचारी को संरक्षण और आवाज उठाने वालों को जेल। अन्ना हजारे की ओर से किए आंदोलन से आमजन में जागरूकता आई है इससे नेताओं को सबक मिल सकेगा।

Tuesday, August 2, 2011

जायल रतन में आप का हार्दिक स्वागत